
कटरा बाजार थाना क्षेत्र मेंं 17 वर्षीय किशोरी ने लगाई फांसी,पुलिस पर लापरवाही का आरोप
कानून के रक्षकों की निरंकुशता कार्यशैली उजागर,क्षेत्रवासियों में आक्रोश
परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते आरोपियों पर की होती कार्रवाई तो बच सकती थी किशोरी की जान
कटरा बाजार,गोण्डा। कटरा बाजार थाना क्षेत्र के देवापसिया चूटीपुर गांव में बुधवार को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां 17 साल की एक किशोरी ने घर की छत पर बने कमरे में फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। इस दर्दनाक घटना के बाद परिवार और ग्रामीणों में गुस्सा फूट पड़ा। परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते उनकी शिकायत सुनी होती और आरोपियों पर कार्रवाई की होती, तो आज उनकी बेटी जिंदा होती। किशोरी के पिता ने तीन दिन पहले मारपीट व छेड़छाड़ का आरोप लगाया है किशोरी के पिता ने बताया कि तीन दिन पहले गांव के ही कुछ दबंग युवकों ने उनकी बेटी के साथ मारपीट की थी। आरोपियों ने उसे खेत में खींचने की भी कोशिश की और अश्लील हरकतें कीं। पीड़ित परिवार ने घटना के तुरंत बाद कटरा बाजार थाने में तहरीर दी थी। मैंने अपनी बेटी के साथ हुए जुल्म की पूरी बात पुलिस को बताई। तहरीर दी, गिड़गिड़ाया कि ये लड़के फिर कुछ कर देंगे। लेकिन पुलिस वालों ने कहा जाओ, देख लेंगे। रिपोर्ट तक नहीं लिखी।
डर के साये में जी रही थी किशोरी
परिजनों के अनुसार, घटना के बाद से किशोरी बेहद डर गई थी। वह घर से बाहर निकलने में भी घबराने लगी थी। मां ने रोते हुए बताया। वो कहती थी माई, उन लोगन से बचा लो, हम कहीं नहीं जाएंगे। वो हमका मार डाली।”
घटना वाले दिन फिर से हुई वारदात
मंगलवार को परिजनों के अनुसार वही आरोपी लड़के फिर से उनके घर के पास आए। उन्होंने गाली-गलौज की और परिवार को डराया-धमकाया। इससे किशोरी घबरा गई। पिता का कहना है कि बुधवार को फिर हमारे घर के पास आकर गंदी-गंदी बातें कही। बेटी ने सब सुना। डर के मारे छत पर चली गई। हमने समझा कि रोने गई होगी। थोड़ी देर बाद देखा तो दरवाजा अंदर से बंद था। परिजन जब काफी देर तक आवाज लगाते रहे तो कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने दरवाजा तोड़ा तो किशोरी फांसी के फंदे से लटकी मिली। जब तक परिवार के लोग कुछ समझ पाते तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में भी मातम पसरा हुआ है। लोग एक-दूसरे से कह रहे हैं। अगर पुलिस ने पहले ही रिपोर्ट लिखकर ठोस कार्रवाई की होती,तो इतना बड़ा हादसा न होता। घटना के बाद गांव में गुस्सा और आक्रोश है। कई लोग जमा होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस गरीबों की सुनती ही नहीं। एक बुजुर्ग ग्रामीण बोले कि यह लड़की बच सकती थी। पुलिस ने एक भी लड़के को पकड़ा होता तो वो फिर से आते ही नहीं। पुलिस ने बच्चों का जीवन बर्बाद कर दिया। घटना की सूचना मिलने पर कटरा बाजार पुलिस मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया घटना की जांच की जा रही है। परिवार की शिकायत के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।
प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि गांव में पहले भी कई बार छोटी-बड़ी घटनाएं होती रही हैं, लेकिन पुलिस कटरा थाने में गरीबों की सुनवाई नहीं होती। स्थानीय लोगों ने कहा कि पुलिस दबंगों से डरती है या पैसे लेती है। गरीब के घर में बेटी मर गई तो अब आकर जांच कर रही है। मृतक किशोरी के पिता ने मांग की है कि उनकी बेटी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई हो,जिन्होंने पहले उनकी तहरीर नहीं ली। उन्होंने कहा हमें इंसाफ चाहिए। मेरी बेटी चली गई लेकिन और किसी गरीब की बेटी के साथ ऐसा न हो। यह घटना कटरा बाजार पुलिस और गोंडा जिला प्रशासन के लिए भी चुनौती बन गई है। यदि पुलिस पर लापरवाही साबित होती है तो जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।
✍️रिपोर्ट: सौरभ मौर्य
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महामंत्री भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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